Monday, September 10, 2018

चंद्रकेश्वर महादेव मंदिर चंदवक

वाराणसी-आजमगढ़ राजमार्ग स्थित चंदवक चौराहे पर भव्य चंद्रकेश्वर महादेव मंदिर स्थापित है। इस मंदिर की भव्यता इसी से बढ़ जाती है कि मंदिर को किसी भी दिशा से देखेंगे तो उसका मुख्यद्वार ही दिखाई देगा। यहां जनपद के अलावा पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से श्रद्धालु पूजन-अर्चन के लिए आते हैं।



इतिहास

चंदवक चौराहे पर छोटे से शिव मंदिर में श्रद्धालु पूजन-अर्चन करते थे। संत उड़िया बाबा की प्रेरणा से क्षेत्र के कुछ आस्थावान लोगों ने वर्ष 1994 में मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ। फरवरी 1997 में ब्रह्मलीन संत उड़ीसा बाबा की देख-रेख में तीन मंजिला आकर्षक मंदिर बनकर तैयार हुआ। मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति, शिव¨लग, राधा-कृष्ण, लक्ष्मी-विष्णु, दुर्गाजी, सीता-राम आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां विद्यमान हैं। वैसे तो यहां हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है लेकिन सावन माह में जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा रहता है। कांवरियों के विश्राम हेतु बगल में चंदवक थाना परिसर स्थित मंदिर में समुचित व्यवस्था है। दूर-दराज के श्रद्धालु जलाभिषेक के बाद यहीं विश्राम करते हैं।


तैयारी

ऐतिहासिक चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में वैसे तो बारहों मास दर्शन-पूजन करने के लिए श्रद्धालु आते हैं लेकिन शिवरात्रि व सावन माह में शिव भक्तों व कांवरियों का रेला उमड़ता है। भीड़ को देखते हुए तैयारी पूरी कर ली गई है। दर्शन-पूजन, साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था है। श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। परिसर सहित मंदिरों की प्रतिदिन साफ-सफाई की जाती है। प्रकाश की व्यवस्था भी रहती है। सुबह-शाम पूजा-पाठ के बाद आरती की जाती है। सुरक्षा के लिए सोमवार को पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं।

सावन में प्रति दिन मंदिर में भजन कीर्तन व मानस पाठ होता है। सावन में भक्तों को पूजा अर्चना व जलाभिषेक में कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान दिया जाता है। मंदिर में साफ-सफाई के साथ ही परिसर के चारों ओर पुलिस की भी व्यवस्था रहती है।  

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